रविवार, 13 नवंबर 2022

सनातन का अर्थ

 सनातन का अर्थ है कुछ ऐसा जो कालातीत हो, पुरातन हो ।  आम या बोलचाल की भाषा में  इसे हिन्दू धर्म या सनातन धर्म कहा जा सकता  है। इसका अर्थ संस्कृति, पुरातन  और सभ्यता भी हो सकता है। तो, सनातन धर्म का अर्थ "कालातीत सभ्यता" से माना जा  सकता है। भगवत  गीता में, कृष्ण जी ने अपने द्वारा साझा किए गए ज्ञान को सनातन या कालातीत बताया हैं।

हिंदुत्व -सनातन धर्म के मूल में है। यह  एक शब्द जिसका उल्लेख 19 वीं शताब्दी के अंत में चंद्रनाथ बसु ने भी  किया था।  वह  जोर देकर कहते  है कि यह सनातन धर्म है,जो समय के साथ बदलता है और इसे सुधार की जरुरत नहीं है। यहाँ  के लोगो के मन में सर्व -धर्म समभाव की भावना कूट कूट के भरी है। 

नरेंद्र मोदी जी के काल  में, भारतवर्ष के लोग अपने पुरातन सनातन गौरव का अनुभव कर रहे है। उम्मीद है २१ वी सदी का भारत आत्मनिर्भर होगा। जय श्रीराम 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धर्म एक विश्वास व आस्तित्व का प्रश्न

 मानव जाति का इस धरती पे होना अपने आप में एक बहुत महत्वपूर्ण घटना है। धर्म एक आधार है जो मानव को उसके मूल तत्वों से परिचय करता रहता है। सनात...